यह हकीकत है तुम्हें चाहने लगा हूं दुआओं में मांगने लगा हूं अपनाने को हर तरीका आजमाने लगा हूं मन में अच्छे ख्वाबों की महफिल सजाने लगा हूं
मेरी फितरत है हकीकत से विचलित नहीं होता चाहे कोई परिस्थिति हो अपना वजूद नहीं खोता
एक मुलाकात चाहता हूं अपने दिल की हर बात चाहता हूं एकतरफा प्यार का बोझ और ज्यादा सह नहीं सकता मन की बात बिना कहे अब रह नहीं सकता
मेरे दिल की हकीकत से रूबरू हो जाओगी इनकार करना छोड़कर मेरी हो जाओगी ख्वाहिशों पर मोहब्बत की खुशबू बिखर जाएगी