मत करो मोहब्बत टूटेगा दिल तो पछताना पड़ेगा तनहाई में आंसू बहाना पड़ेगा परिस्थितियों के कशमकश में स्थिति ऐसी हो जाएगी ना चाहते हुए भी अपने जिगर के टुकड़े को बुलाना पड़ेगा
मेरा लूट गया सब कुछ उसके लौट कर आने की ना कोई उम्मीद बाकी है फिर भी न जाने क्यों यह हकीकत मनाने को मेरा दिल ना राजी है
अपने दिल का हाल किसी को बताना भी मुश्किल है अपने आंसुओं को छुपाना भी मुश्किल है तुम जान बनकर दिल में रहने लगी थी तुम्हारे बाद अब और किसी से दिल लगाना भी मुश्किल है
मैं अपनी आंसुओं को जमाने से छुपा कर जीता हूं मुझे डर है क्या पता कब कौन मेरी कमजोरी का नाजायज फायदा उठाने लगे खामोश सिर्फ इसीलिए रहता हूं जो किस्मत बदलने की थोड़ी सी उम्मीद बाकी है उस पर भी किसी की नजर ना लगे
आंसुओं को छुपा लेना मेरी आदत है हर किसी को अपने दिल का दर्द बताया नहीं करते जिससे बेहद मोहब्बत करते थे जब से साथ छोड़ा है किसी को हम दर्द बनाने का ख्वाब सजाए नहीं करते