Hindi shayari sangrah Manoranjan Masti
तुमसे मोहब्बत करने लगा हूं सौंदर्य देखकर बहकने लगा हूं अपनी ख्वाहिशों का इजहार करने का मौका ढूंढने लगा हूं अपनी मीठी मीठी बातों में उलझाकर उनके इरादों का पता पूछने लगा हूं
तुम जुनून हो तुम सुकून हो धड़कनों के बहुत करीब हो तुम्हारे बगैर जीना गवारा नहीं होगा मुझसे कभी न रुख मोड़ना अकेले में जिंदगी का गुजारा नहीं होगा
मेरी फितरत पर शक करना छोड़ दो हकीकत से रूबरू होने के बाद उम्मीद है हद से ज्यादा प्यार करने लगोगी उदास जिंदगी में खुशी का रंग भरने लगोगी
जब सब्र का बांध टूटता है फिर इंसाफ का सैलाब आता है अपने हक से ज्यादा चाह रखने वाला जिंदगी के सफर में मात खाता है
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