वह अपने इरादों को बदलने लगे हैं मुझको इश्क में ठगने लगे हैं हम धीरे-धीरे संभलने लगे हैं वह अपने इरादों को बदलने लगे हैं मुझे इश्क में फजीहत नहीं होना है बेवफा के सामने अपनी बेबसी नहीं रोना है अपने दिल को समझाकर कोई रास्ता जरूर निकालेंगे घुटन होने लगी है जिंदगी बेवफा ने तबाह कर दिया जहां बेफिक्र होकर भरोसा करने लगे थे अपनी नादानी पर पछताने लगे हैं मेरे बर्बादी पर कुछ लोग मुस्कुराते हैं हालात पर फब्तियां कसते हैं आजकल नम आंखों से खामोश रहने लगे हैं
Hindi shayari, love shayari, sad shayari status, motivational shayari, Hindi mein shayari, Hindi love shayari status, Gam bhari shayari, new shayari