सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

अक्तूबर, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

वह अपने इरादों को बदलने लगे हैं-shayari Sangrah

वह अपने इरादों को बदलने लगे हैं मुझको इश्क में ठगने लगे हैं हम धीरे-धीरे संभलने लगे हैं वह अपने इरादों को बदलने लगे हैं मुझे इश्क में फजीहत नहीं होना है बेवफा के सामने अपनी बेबसी नहीं रोना है अपने दिल को समझाकर कोई रास्ता जरूर निकालेंगे घुटन होने लगी है जिंदगी बेवफा ने तबाह कर दिया जहां बेफिक्र होकर भरोसा करने लगे थे अपनी नादानी पर पछताने लगे हैं मेरे बर्बादी पर कुछ लोग मुस्कुराते हैं हालात पर फब्तियां कसते हैं आजकल नम आंखों से खामोश रहने लगे हैं

उनसे मिलकर एक अजब सा एहसास हमको मिला

 उनसे मिलकर एक अजब सा एहसास हमको मिला उनके तरफ से इंकार था और इरादा भी था ना पास आते थे मेरे ना दूर जाते थे यूं हमको हर रोज सताते थे

तनहा तनहा सा रहते हैं कोई हमसफ़र नहीं है-shayari sangrah

तनहा तनहा सा रहते हैं कोई हमसफ़र नहीं है दिल की गलियां सूनी सूनी सी है चाहतों का सफर जारी रहा प्यार अपने मुकद्दर में नहीं है किस्मत बदलने के इंतजार में दिन गुजारने लगे है हर संभव प्रयास खुदा से दुआ मांगने लगे है 

वह पीछा करती है सुराग लगाती है-शायरी संग्रह

वह पीछा करती है सुराग लगाती है उसके सिवा दूसरे के साथ कोई चक्कर है या नहीं वह क्या जाने हद से ज्यादा प्यार करता हूं उसके बगैर दिल में चैन नहीं रहता है मेरे जीवन की कश्ती को किनारा मिल गया उसके प्यार का सहारा मिल गया ख्वाहिशों की महफिल सज गई है इरादों की तरह ख्वाब पूरे हो गए

तुम्हें पाने का हर जुगाड़ अपनाया मगर

तुम्हें पाने का हर जुगाड़ अपनाया मगर तुम मुझको हासिल हो ना सके जिस चीज से तुम खुश हो जाओ हर इंतजाम करता रहा आपके इरादे को हर वक्त समझने की कोशिश करता रहा नाकाम हो गए तुम्हारे प्यार में